Skip to content Skip to left sidebar Skip to footer

Author: apventure

अवैध संबंध में गई संवेदक की जान, खुला राज

जिले के चकिया थाना क्षेत्र के फलाई ओवर के पास डुमरियाघाट थाना क्षेत्र के सरोतर गांव निवासी संवेदक जयप्रकाश साहू की हत्या मामले का पर्दाफाश पुलिस ने कर लिया है। इस मामले में हत्या के कारण भी खुलकर सामने आ गए हैं। पत्नी के साथ जयप्रकाश के अवैध संबंध होने के कारण अवनीश ने उसकी हत्या कराई थी।

चकिया थाना क्षेत्र के फलाई ओवर के पास डुमरियाघाट थाना क्षेत्र के सरोतर गांव निवासी संवेदक जयप्रकाश साहू की हत्या मामले का पर्दाफाश पुलिस ने कर लिया है। इस मामले में हत्या के कारण भी खुलकर सामने आ गए हैं। पत्नी के साथ जयप्रकाश के अवैध संबंध होने के कारण अवनीश ने उसकी हत्या कराई थी। जयप्रकाश की हत्या 16 मई को गोली मारकर कर दी गई थी। हत्या के बाद एसपी के निर्देश पर गठित एसआइटी की टीम भी छापेमारी कर रही थी व इसी क्रम में राजद नेत्री चिरैया थाना के खड़तरी गांव निवासी निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी व अवनीश सिंह उर्फ अनीश तथा बंजरिया थाना क्षेत्र के लक्ष्मण चौक बैंकर्स कालोनी निवासी संवेदक राजीव सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। एसपी डा. कुमार आशीष ने पत्रकारों को बताया कि घटना के 48 घंटे के अंदर तीन नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

वहीं दो शूटर, एक लाइनर व तीन नामजदों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। एसपी ने बताया कि वैज्ञानिक पद्वति से जांच के बाद यह उजागर हुआ है कि अवनीश की पत्नी से संवेदक का अवैध संबंध था, जिसको लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद भी होता रहा था। इसी को लेकर अवनीश ने संवेदकों से संबंध स्थापित कर जयप्रकाश की हत्या करा दी। अवनीश ने ही शूटर की व्यवस्था की थी। दोनों शूटर से उसकी मुलाकात जेल में ही हुई थी। अवनीश जब जेल में था उसी दौरान उससे मिला था। जेल से आने के बाद उसी ने शूटर को सुपारी दिलवाई थी। सुपारी की राशि कितनी थी, यह जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। जयप्रकाश का राजद नेत्री से अवैध संबंध था व उसे लेकर नेपाल सहित कई जगहों पर भी गया था। यह अवनीश को नागवार गुजरता था। तब अवनीश ने जयप्रकाश के व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वियों से संपर्क व उन लोगों द्वारा आर्थिक सहयोग देने के बाद हत्या की घटना को अंजाम दिया गया।

पटना जाने के क्रम में अवनीश ने वाट्सएप कॉलिंग कर संपर्क किया व कहा कि जयप्रकाश पटना के लिए निकल पड़ा है। हत्या के बाद शूटरों ने फिर अवनीश को काल कर कहा कि काम हो गया है। वही पुलिस भूमि विवाद, व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के पक्ष की भी जांच कर रही है। तीन फरार नामजद छतौनी के मठिया जिरात निवासी मणि सिंह, सुभाष सिंह व छतौनी के जयप्रकाश नगर निवासी बाबू खान के अलावा दो शूटर व लाइनर की खोज जारी है। छापेमारी टीम में चकिया डीएसपी संजय कुमार, सदर डीएसपी अरुण कुमार गुप्ता, चकिया थाना के पुलिस निरीक्षक धंनजय कुमार मिश्रा, दारोगा मनीष कुमार, थानाध्यक्ष सुनील कुमार, अभिनव कुमार दुबे व सिपाही मुन्ना कुमार व कुमार चिरंजीवी शामिल थे।

Source : Jagran

कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिह्नित कर सरकारी योजनाओं से जोड़ने की हो पहल

कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिह्नित कर सरकारी योजनाओं से जोड़ने की हो पहल
चकिया प्रखंड मुख्यालय स्थित ट्राइसम भवन में शुक्रवार को प्रखंड प्रमुख कुमारी रीना की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बाल विवाह बाल श्रम बाल तस्करी बाल शोषण पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत और वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति गठन करने पर विस्तृत चर्चा की गई।

चकिया प्रखंड मुख्यालय स्थित ट्राइसम भवन में शुक्रवार को प्रखंड प्रमुख कुमारी रीना की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी, बाल शोषण पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत और वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति गठन करने पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास निगम व यूनिसेफ के सहयोग से सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान प्रोजेक्ट के प्रखंड समन्वयक कृष्णा कुमार ने कहा कि कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिह्नित कर सरकारी योजनाओं से जोड़ने का संकल्प सभी जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक पदाधिकारियों को लेना होगा। कहा कि बच्चों के संरक्षण में काम करने वाले सभी स्टेकहोल्डर यथा जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता का यह दायित्व है कि बच्चों के प्रति लोगों की सोच व व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए किसी भी भेदभाव के बिना जागरूकता अभियान लगातार चलाएं, जिससे हम बच्चों के अधिकारों व संरक्षण दिलाने में कामयाब हो सकते हैं। बैठक में जनप्रतिनिधियों की ओर से प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी का उचित सहयोग नहीं मिलने की बात सामने आई।

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण उनकी बैठक में उपस्थिति नगण्य रही। करीब दो घंटे विलंब से शुरू हुई बैठक में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं बाल श्रम अधिनियम 1986 के बारे में विस्तृत चर्चा की एवं बाल विवाह बाल मजदूरी किस तरह से कम हो इस पर उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की। समाज में हो रही सभी गैर कानूनी शादी को रोकने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सभी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को एक साथ मिलकर कार्य करने को कहा गया। प्रखंड प्रमुख कुमारी रीना ने कहा कि हम सभी जनप्रतिनिधियों को मिलकर वार्ड व पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं से बच्चों को जुड़वाना होगा और उनके संरक्षण की बात करनी होगी। उप प्रमुख अर्पणा देवी ने बाल संरक्षण के मुद्दों पर सक्रिय रूप में काम करने की अपील की। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अनुमेहा ने कहा कि बाल संरक्षण समिति की जो संरचना है प्रखंड स्तर, पंचायत स्तर, वार्ड स्तर पर सशक्त करने की जरूरत है। प्रखंड समन्वयक सुशील कुमार आजाद एवं जितेंद्र कुमार सिंह संयुक्त राष्ट्रसंघ महाअधिवेशन द्वारा पारित बच्चों के 54 अधिकारों के साथ-साथ मुख्य चार अधिकारों पर विस्तृत जानकारी दी। प्रखंड प्रवर्तन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा ने 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होटल ढाबा में कमाने के लिए नहीं भेजने की बात कही। चाइल्डलाइन के प्रतिनिधि नारायण मजूमदार ने बच्चों के संरक्षण की बात बताते हुए परवरिश योजना के बारे में बताया। बैठक में पंचायत समिति बालेश्वर सहनी, नवल किशोर सिंह, बीसी विकास कुमार, अरविन्द कुमार पांडेय, पीएस शंभू कुमार, महिला सुपरवाइजर माधुरी कुमारी, आरसी सुल्ताना, स्वास्थ्य विभाग के राजीव रंजन, आइसीडीएस बीसी रश्मि राज, प्रखंड लिपिक राजकिशोर कुमार, चाइल्ड लाइन से अजय कुमार, विकास मित्र रामकुमार, कविता कुमारी, ध्रुव कुमार बैठा, प्रियंका कुमारी, सरिता कुमारी, मुकेश राम समेत अन्य जनप्रतिनिधि व प्रखंडकर्मी मौजूद थे।

Source: Jagran

महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के शुभ अवसर पर लायंस क्लब ऑफ़ चकिया

महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री इन दो महान विभूतियों के जयंती के शुभ अवसर पर लायंस क्लब ऑफ़ चकिया एवं अनुमंडल प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में फिट इंडिया फ्रीडम रन का आयोजन किया गया, जिसकी अगुवाई अनुमंडल पदाधिकारी श्री बृजेश कुमार, पुलिस उपाधीक्षक श्री संजय कुमार, लायंस क्लब चकिया के संरक्षक अनिल यादव, अध्यक्ष सत्यम वत्स, सचिव विशाल जयसवाल ने किया। कार्यक्रम के पूर्व सभी ने प्रखंड कार्यालय स्थित महात्मा गांधी के मूर्ति पर माल्यार्पण कर दौड़ प्रारंभ किए, जो चकिया के मुख्य मार्ग होते हुए केसरिया रोड के गौशाला में समाप्त हुआ। जहां सामाजिक दूरी बनाते हुए गोष्ठी का आयोजन गौशाला सचिव संदीप सुल्तानिया एवं निर्मल कुमार द्वारा किया गया।

गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी श्री बृजेश कुमार ने स्वच्छता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने केंद्र सरकार की योजना फिट इंडिया फ्रीडम रन दौड़ के महत्त्व प्रकट करते हुए अपने और आस-पड़ोस को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया। साथ ही आगामी चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उपस्थित लोगों को जागरूक किए। पुलिस उपाधीक्षक श्री संजय कुमार ने कहा कि आज मेरा सौभाग्य है कि गांधी जयंती के शुभ अवसर पर उनकी कर्मभूमि चंपारण में उनकी महानता एवं विचारों को प्रकट करने का अवसर मिला है। अतिथियों का स्वागत लायंस अनिल यादव, गौशाला सचिव संदीप सुल्तानिया, संचालन सत्यम वत्स ने किया। कार्यक्रम के दौरान मेहसी से डॉक्टर शमा परवीन, मोहम्मद रब्बानी खान एवं चकिया के प्रसिद्ध व्यवसायी श्री संजय गुप्ता को उपस्थित अधिकारियों द्वारा लायंस क्लब का सदस्यता ग्रहण कराया गया।

दौड़ कार्यक्रम में मुख्य रूप से एडीएसओ अरुण सिंह, चकिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी, कल्याणपुर के एम ओ विजय सिंह सहित चकिया के प्रबुद्ध नागरिकों में दयाशंकर बजाज, संदीप तुलसियान, संजय मोदी उपस्थित रहे। आयोजन को सफल बनाने में लायंस ओम प्रकाश कुमार, कुंवर संदीप, डाॅ. संदीप कुमार, रवि प्रकाश, अभिषेक त्रिपाठी, राम पुकार पासवान एवं सत्यम द्विवेदी के साथ-साथ युवा संघर्ष शक्ति के मुन्ना गुप्ता, रौशन कुमार, सचिन राज, सूरज कुमार एवं दीपक कुमार की अहम भूमिका रही।

21-08-2020 नयी दिशा निर्देश : प्रतिष्ठान खोलने संसोधित आदेश, पूर्वी चम्पारण

Chakia Corona Update banner

सभी प्रकार की दुकाने/प्रतिष्ठान तथा निजी कार्यालय (50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्तिथि के साथ) का परिचालन समय प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम के 06 बजे तक निर्धारित किया जाता है।

यह आदेश दिनक 22-08-2020 से 06-09-2020 तक प्रभावी रहेगा।

 

उत्तर बिहार के कई जिलों में रात को बाधित हो सकती है बिजली

दरभंगा – मोतिहारी 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन में अप्रत्याशित बाढ़ का पानी बढ़ जाने के कारण उस लाइन से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। जिससे उत्तर बिहार के मधुबनी, दरभंगा, मोतिहारी, छपरा, सिवान, बेतिया, समस्तीपुर,  मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीतामढ़ी व शिवहर जिला भी प्रभावित हुआ है।

केवल 40 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति हो पा रही है। इस कारण दिन में बिजली मिलेगी । लेकिन शाम के बाद बिजली की समस्या बढ़ सकती है।

चकिया में रामनवमी को लेकर कन्या पूजन व जागरण का हुआ आयोजन

स्थानीय रेलवे स्टेशन निकट स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर एवं गणिनाथ गोविंद जी महाराज पूजा समिति के तत्वाधान में कि रामनवमी के अवसर पर मन्दिर परिसर में शनिवार को देर शाम 351 कन्याओं का पूजन कर उन्हें प्रसाद खिलाया गया। इस दौरान चिरैया से आये हनुमान आराधना मण्डल के कलाकारों ने भक्तिमय गीत संगीत प्रस्तुत कर लोगो को भाव विभोर कर दिया। भजन किर्तन के दौरान भगवान शंकर के तांडव नृत्य पर लोगो ने खूब तालियां बजाई।

देर रात तक जागरण का कार्यक्रम चलता रहा। साथ ही पूजा में आये हजारों भक्त महा प्रसाद ग्रहण किया। पूजा को सफल बनाने में मुख्य रूप से मुनटुन प्रसाद गुप्ता , ओम प्रकाश गुप्ता, कविंद्र प्रसाद यादव, नरेश प्रसाद गुप्ता, रामबृक्ष प्रसाद, छोटन श्रीवास्तव,नागेंद्र प्रसाद, हरिशंकर प्रसाद जायसवाल ,श्यामा तोदी, रोहित सिंह, सुधीर मिश्रा, राजेश कुमार ,नरसिंह सिंघानिया, गुरुदेल प्रसाद, विश्वनाथ प्रसाद ,पप्पू गुप्ता,धीरज गुप्ता,रामबाबू प्रसाद,अमित कुमार,सहित अन्य लोग शामिल थे। 

बखर गांव में अगलगी में चार घर जले

थाना क्षेत्र के कोयला बेलवा पंचायत के बखरी गांव में बीती रात अचानक लगी आग से चार घर जलकर राख हो गया। सूचना पर पहुंचे अग्निशामक दस्ता ने आग पर पूरी तरह से काबू पाया। जिससे आग आगे फैलने से रुक गई। अगलगी में बद्री सहनी के घर में रखा नकद, आभूषण, एक बाइक अन्य वस्तुएं सहित एक बकरी जल कर मर गई। वहीं सत्येंद्र सहनी, बिजली सहनी, जितेंद्र सहनी के घर में रखा नगद, आभूषण, अनाज, फर्निचर, खाने-पीने की वस्तुएं जल कर राख हो गई। अगलगी में लाखों रुपये की संपति जल गई। कल्याणपुर सीओ ने बताया कि आपदा प्रबंधन के मानकों के आलोक मे पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। 

bhaskar.com

केसरिया स्तूप की भव्यता की छांव में चाहिए आवश्यक सुविधाएं

केसरिया का नाम सामने आते ही विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप की तस्वीर जेहन में उभरने लगती है। अगर किसी ने नहीं देखा है तो इस ऐतिहासिक स्मारक को देखने की चाह मजबूत होने लगती है। हालांकि, अब तक इस स्तूप के उत्खनन का काम पूरा नहीं हो सका है। मगर इस दिशा में तेजी से काम हो रहे हैं। भारतीय पुरातत्व संरक्षण (एएसआइ) द्वारा इस स्मारक के उत्खनन एवं संरक्षण का काम किया जा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में यहां देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। स्तूप के दीदार से रोमांचित भी होते हैं। यहां की यादों को सहेजते हुए लौट जाते हैं। मगर इन यादों में कुछ ऐसी बातें भी होती हैं, जिन्हें सुखद नहीं कहा जा सकता। बौद्ध स्तूप को देखने सात समंदर पार से आए इन सैलानियों की बुनियादी जरूरतों के लिए अब तक यहां संरचनाओं को विकसित नहीं किया जा सका है। जो थोड़े बहुत हैं भी वे अभी उपयोग की स्थिति में नहीं हैं। जाहिर है कि इन कटु अनुभवों को भी पर्यटक अपने साथ ले जाते हैं। मोतिहारी से संजय कुमार सिंह की रपट।

आधारभूत संरचनाओं का है अभाव केसरिया बौद्ध स्तूप को देखने आने वाले पर्यटकों के लिए स्तूप के आसपास बुनियादी जरूरतों को लेकर संरचनाएं विकसित नहीं की जा सकीं हैं। हालांकि, इस मामले में कुछ तकनीकी अड़चनें भी हैं। स्तूप के दो सौ मीटर की परिधि में किसी भी तरह का निर्माण कार्य वर्जित है। इस दायरे में केवल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ही कुछ कर सकता है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए शौचालय से लेकर शुद्ध पेयजल तक का अभाव है। आवासन की भी कोई व्यवस्था अब तक आकार नहीं ले सकी है। स्तूप परिसर में एएसआइ द्वारा हाल ही में शौचालय का निर्माण शुरू किया गया है। वहीं, बिहार सरकार द्वारा स्तूप परिसर से बाहर स्टेट हाइवे 74 के किनारे पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया एवं पार्क के निर्माण की पहल की गई है। भवन व चहारदीवारी का काम पूरा हो गया है। मगर सड़क से कैफेटेरिया के बीच अब तक रास्ता नहीं है। परिणाम स्वरूप इस व्यवस्था का भी लाभ पर्यटकों को नहीं मिल रहा है। इससे पहले स्तूप से करीब चार किलोमीटर दूर प्रखंड कार्यालय परिसर में भी पर्यटक भवन का निर्माण कराया गया। मगर उसकी अव्यवहारिक भौगोलिक स्थिति पर्यटकों के लिए हितकर नहीं है। इस भवन का उपयोग सरकारी कामकाज के लिए हो रहा है। वाहन पड़ाव की भी है दरकार स्तूप की भव्यता को देखने यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं। उनके साथ वाहनों का काफिला भी होता है। मगर उन वाहनों के लिए स्तूप के आसपास कोई पड़ाव नहीं है। ऐसी स्थिति में इन वाहनों को सड़क किनारे ही खड़े कर दिए जाते हैं। स्टेट हाइवे की अति व्यस्त सड़क के किनारे खड़े वाहनों से उतरना-चढ़ना काफी जोखिम भरा काम होता है। हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। पर्यटकों की आवाजाही के कारण इस स्थान पर भीड़भाड़ बनी रहती है। पर्यटक सूचना केंद्र का अभाव विश्व प्रसिद्ध इस ऐतिहासिक स्थल पर पर्यटन विभाग की ओर से अब तक कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया गया है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सूचना केंद्र भी स्थापित नहीं किया जा सका है। खासकर विदेशी पर्यटकों को कई तरह की जानकारियों की दरकार होती है। ज्यादातर समूह में ही पर्यटक आते हैं। यहां तक की कई बार बाइक से भी पर्यटकों को आते-जाते देखा गया है। ये यहां आने के बाद आसपास के दर्शनीय स्थलों के बारे में जानना भी चाहते हैं। मगर भाषाई दिक्कत भी सामने होती है। आवासान की नहीं है व्यवस्था वर्ष 1998 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा स्तूप का उत्खनन कार्य प्रारंभ किया गया था। पूर्व में इसे देउर अथवा राजा वेणु के गढ़ के रूप में जाना जाता था। उत्खनन में मिले साक्ष्य के आधार पर इसे बौद्ध स्तूप घोषित किया गया। तब से सैलानियों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया। मगर इतने समय बीत जाने के बाद भी पर्यटकों के लिए आवासन की व्यवस्था नहीं हो सकी। जो हुई उसका उपयोग ही नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पर्यटकों का ठहराव केसरिया में नहीं हो पाता है। कई बार ऐसी स्थिति सामने आई है जब कोई अकेला पर्यटक देर शाम यहां पहुंचा और उसे आवासन की समस्या से जूझना पड़ा है। उन्हें जिला परिषद की जीर्ण शीर्ण विश्राम गृह में रुकना पड़ा। हालांकि, निजी तौर पर अब कुछ विकल्प तैयार हुए हैं। मगर उनकी क्षमता बेहद कम है।

source: jagran.com