PFI का पूर्वी चंपारण के चकिया से कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। NIA के रडार पर आने के बाद से ही चकिया का रेयार फरार है। इस बीच ट्रेनिंग कैंप का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
बिहार की राजधानी पटना में हुई गिरफ्तारी के बाद पीएफआई का पूर्वी चंपारण के चकिया से कनेक्शन सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। फुलवारीशरीफ से गिरफ्तार अतहर व जलालुद्दीन के साथ कुंअवा निवासी रेयाज मारूफ का नाम एफआईआर में आने के बाद कुंअवा गांव में सन्नाटा पसरा है। कोई कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है। वहीं एएनआई के रडार पर आने के बाद से ही रेयाज फरार है। रेयाज के परिवार को उसकी कोई जानकारी नहीं है। इसी बीच एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जो चकिया गांधी मैदान का है। वीडियो में चकिया का ही रहने वाला उस्मान सुल्तान कैंप में ट्रेनिंग देता हुआ नजर आ रहा है।
हालांकि ‘हिन्दुस्तान’ वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता। नगर सहित कई जगहों पर संगठन से जुड़े बैनर पोस्टर लगाए जाने की भी बात सामने आई है। खुफिया विभाग के सूत्रों की माने तो रेयाज को संगठन के कई महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। रेयाज की इसके पूर्व में भी देश विरोधी कार्यों में संलिप्तता रहने की जानकारी सामने आई है।
रेयाज मरहूम इस्लामुद्दीन अंसारी का पुत्र बताया जाता है। रेयाज तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर है। इसका बड़ा भाई विदेश रहता है, जबकि छोटा भाई कुंअवा स्थित मदरसे में शिक्षक है। आसपास के लोगों ने बताया कि रेयाज पहले मुजफ्फरपुर से बेकरी बिस्कुट लाकर चकिया में बेचने का काम करता था। रेयाज का नाम सामने आने के बाद कुंअवा गांव में हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। स्थानीय लोग कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं।
मालूम हो कि पटना के फुलवारी शरीफ से दो व्यक्ति अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पहले गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों पीएफआई और एसडीपीआई के सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं जो साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के प्लान पर काम कर रहे थे। इस मामले में एफआईआर में 26 लोगों को नामजद बनाया गया है। एफआईआर के अनुसार, तामिलनाडु और केरल से 12 लोग आए थे जो लोगों को शारीरिक प्रशिक्षण के साथ ही तलवारबाजी की भी ट्रेनिंग दे रहे थे।
Source: Hindustan
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