Skip to content Skip to left sidebar Skip to footer

सत्तरघाट पुल के निर्माण कार्य को रैयतों ने रोका

केसरिया के समीप गंडक नदी पर सत्तरघाट पुल के निर्माण कार्य को रैयतों द्वारा सोमवार को पूर्ण रूप से बाधित कर दिया गया। उन्होंने पुल पर ही धरना देते हुए अपनी मांगों के समर्थन में उग्र प्रदर्शन किया। वे रैयतों की बकाए राशि का भुगतान एक साथ करने की मांग पर अड़े हुए हैं। कार्य बाधित होने की सूचना पर पहुंचे डीसीएलआर आदित्य कुमार झा ने प्रदर्शनकारियों से बात कर 28 फरवरी तक का समय मांगा। जबकि रैयतों ने कहा कि 28 तक हमलोग यहीं बैठेंगे। सभी का भुगतान कर दिया जाए और कार्य को पुन: सुचारू करा दिया जाएगा।

करीब 7 वर्ष पूर्व ही सड़क निर्माण कंपनी ने कार्य को शुरू कर दिया। उस व़क्त से लेकर आज तक रैयतों द्वारा अंचलाधिकारी कार्यालय से लेकर जिला भूअर्जन पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगाया जाता रहा। इतने लंबे अंतराल के बाद भी ढेकहा व सुंदरापुर गांव के 73 व्यक्तियों का भुगतान करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान बाकी है।

मौके पर पहुंचे डीसीएलआर ने कहा कि अधिकारी परीक्षा कार्य में व्यस्त हैं। तीन दिन बाद गांव में ही बैठ कर मामले का निष्पादन कर जिला को सूचित कर दिया जाएगा। पैसे की जगह मिल गई बैसाखी पुल निर्माण को लेकर ढेकहा निवासी गोपाल महतो की भी भूमि अधिगृहित कर ली गई है। पैसे के भुगतान के लिए भागदौड़ के क्रम में सड़क दुर्घटना में पैर टूट गया। मात्र दस हजार के हिस्से के लिए पैर में स्टील डालने में करीब 40 हजार रुपये खर्च कर लिए।

बसंत ¨सह ढेकहा निवासी ने बताया कि करीब 6 माह से दिल्ली से नौकरी छोड़ घर पर बैठा हूं। लड़की की शादी भी तय कर लिया, पैसे के भुगतान के इंतजार में दिन तय नहीं हो पा रहा है।

कई ऐसे भी रैयत भी हैं जो अपनी ¨जदगी के आखिरी मुकाम पर आकर पैसे के लिए दौड़ लगा रहे हैं। इनमे 80 वर्षीय तेज प्रताप नरायन कुंअर, 82 वर्षीय सुदिष्ट ¨सह, 75 वर्षीय शिवपूजन ¨सह, 85 वर्षीय हरि महतो, 77 वर्षीय कैलाश पति कुंअर आदि शामिल हैं।

source: jagran.com

0 Comments

There are no comments yet

Leave a ReplyCancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Exit mobile version