Skip to content Skip to left sidebar Skip to footer

News

चकिया में बस की ठोकर से मां-बेटी की मौत, पति व पुत्री घायल

राष्ट्रीय राजमार्ग पर थाना क्षेत्र के बनरझूला चौक के समीप गुरुवार को पंजाब की एक बस ने बाइक सवार एक ही परिवार के चार लोगों को रौंद दिया। इससे बाइक सवार मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं पिता पुत्री घायल हो गए। दुर्घटना के बाद चालक बस छोड़कर फरार हो गया। सड़क पर शव बिखरे होने के कारण करीब आधा घंटे तक राजमार्ग जाम रहा। बताया जाता है कि कुंडवा चैनपुर थाना क्षेत्र के छोटी हरदिया निवासी सदरुल अंसारी का पुत्र शकील अंसारी अपाची बाइक से पत्नी शबनम खातून व दो पुत्रियों के साथ अपनी ससुराल वैशाली जिला के गोरौल से घर लौट रहे थे। इसी दौरान उक्त स्थान पर जैसे ही एनएच 104 में जाने के लिए बाइक को टर्न किया कि पीछे से आ रही हरगोबिद कंपनी की बस (पीबी 13 ए आर 0375) ने बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। इससे वे तथा उनकी दुधमुंही बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गए तथा उनकी पत्नी शबनम खातून व बड़ी पुत्री ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। घायल शकील व उनकी दुधमुंही बच्ची को अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया। यहां उपस्थित चिकित्सकों ने शकील की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया। वही बच्ची का चकिया में ही इलाज किया जा रहा हैं। बताया जाता है कि शकील दिल्ली में सिलाई का काम करता है। लॉक डाउन के दौरान वह ससुराल में रह रहा था। वहां से आज अपनी पत्नी व दो पुत्री को लेकर घर लौट रहा था कि दुर्घटना का शिकार हो गया। पुलिस ने मृतक मां बेटी की शव को पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी भेज दिया है।

source: Jagran

आकाशीय बिजली गिरने से 8 लोगों की मौत, सीएम नीतीश ने किया चार लाख रुपए मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चार जिलों में वज्रपात से आठ लोगों की मृत्यु पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवार के साथ हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को तत्काल चार-चार लाख अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया। वज्रपात से शेखपुरा और जमुई में तीन-तीन तथा सीवान और बेगूसराय में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में सभी सतर्क रहें। 

10 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट

बिहार में मॉनसून की सक्रियता लगातार बनी हुई है। पिछले 24 घंटों में राज्य के पूर्वी भाग में भारी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मॉनसून की अक्षीय रेखा के पटना और वाराणसी से गुजरने और पूर्वी उत्तर प्रदेश से मध्यप्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनने की वजह से राज्य के दस जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की स्थिति बनी है। 

साथ ही सूबे के अनेक भाग में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। जिन जिलों में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की स्थिति  बन सकती है उनमें सारण, सीवान, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, समस्तीपुर, सुपौल अररिया, किशनगंज शामिल हैं। गुरुवार को शिवहर, सीतामढी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली समेत कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। राज्य में सबसे ज्यादा बारिश कटिहार में 100 मिमी, बालतारा में 80 मिमी, ठाकुरगंज, बेलसंड और बीहपुर में 60 मिमी बारिश दर्ज की गई। पूर्णिया में भी 29.5 मिमी बारिश हुई। पटना में दोपहर बाद बादल छाए रहे लेकिन बारिश नहीं हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अभी मानसून की सक्रियता बिहार में बने रहने के आसार हैं।

ऐसा रहा पारा
गुरुवार को पटना का अधिकतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि गया का 33.9, भागलपुर का 33.6 और पूर्णिया का 32.2 डिग्री सेल्सियस रहा। शुक्रवार को पटना समेत इन चारों शहरों में बारिश के आसार हैं।

बिहार में फिर 16 दिनों के लिए बढ़ा लॉकडाउन, जानिए गाइडलाइन्‍स

बिहार में कोरोना संक्रमण के लगातार खराब होते हालात को देखते हुए एक अगस्‍त से 16 अगस्‍त तक फिर लॉकडाउन लागू  कर दिया गया है। इसके लिए गुरुवार को राज्‍य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया। विदित हो कि राज्‍य में पहले से ही 31 जुलाई तक लॉकडाउन लागू है, जिसे 16 अगस्‍त तब बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान केटेनमेंट जोन में पूरी सख्ती बरती जाएगी। हालांकि, कई छूटें भी दी गईं हैं।

01 से 16 अगस्‍त तक बढ़ाया गया लॉकडाउन

राज्‍य सरकार ने कोरोना के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी है। इस मामले को लेकर राज्य सरकार के आला अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव की हुई बैठक में स्थिति की समीक्षा के बाद इसका फैसला लिया गया है। लॉकडाउन की अवधि को एक अगस्त से बढ़ाकर अगले 16 दिन के लिए प्रभावी कर दिया गया है।

50 फीसद कर्मियों के साथ खुलेंगे कार्यालय

लॉकडाउन पूर्व की तरह ही होगा, लेकिन इसमें कुछ रियायतें भी दी गई हैं। सरकारी दफ्तरों को 50 फीसद कर्मचारियों के साथ खोलने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही निजी क्षेत्र के कार्यालय को भी 50 फ़ीसद कर्मचारियों के साथ खोलने के आदेश दिए गए हैं।

अभी बंद रहेंगे शैक्षणिक संस्थान, धर्म स्थल

लॉकडाउन में जिन चीजों को पूरी तरह से बंद रखने के आदेश दिए गए हैं उसमें सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। सभी धार्मिक स्थलों को भी बंद रखने के आदेश दिए गए गए हैं। सभी प्रकार के राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी रोक होगी। पार्क व जिम भी बंद रहेंगे।

लॉकडाउन की गाइडलाइन जारी, जानिए

  • राज्‍य सरकार ने लॉकडाउन की गाइडलाइन जारी कर दी है। आइए डालते हैं इसपर नजर…
  • इनपर लगाया गया है प्रतिबंध
  • कंटेनमेंट जोन में सभी तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
  • राज्य सरकार तथा भारत सरकार के कार्यालय, अर्धसरकारी कार्यालय और सार्वजनिक निगमों के कार्यालयों में 50 फीसद कर्मचारियों के साथ काम होगा। निजी कार्यालयों में ऐसा ही प्रावधान रहेगा। केवल बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सिंचाई, खाद्य वितरण, कृषि एवं पशुपालन विभागों को इसमें छूट दी गई है।
  • राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां बंद रहेंगी। शॉपिंग मॉल भी बंद रहेंगे।

इन्‍हें दी गई है छूट

  • सभी अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों और कार्यों को छूट दी गई है।
  • अनाज, दूध, मांस-मछली, फल, सब्जी आदि के दुकानें खुली रहेंगी।
  • जिला प्रशासन दुकानों व बाजार का समय तय करेगा।
  • बैंक और एटीएम खुले रहेंगे।
  • होटल, रेस्त्रां व ढाबे आदि खुलेंगे, लेकिन केवल होम डिलेवरी देंगे।
  • रेल व हवाई सफर को अनु‍मति रहेगी।
  • ऑटो व टैक्सी पूरे राज्य में चलते रहेंगे।
  • निजी वाहन चलेंगे।
  • जरूरी सेवाओं के लिए गाड़ियों का संचालन किया जा सकता है।
  • सेना, केंद्रीय सुरक्षा बल, कोषागार, सार्वजनिक उपयोगिता (पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी), आपदा प्रबंधन, ऊर्जा क्षेत्र, डाकघर, बैंक, एटीएम और मौसम विभाग जैसी चेतावनी देने वाली एजेंसियां लॉकडाउन से मुक्त रहेंगी।
  • पुलिस, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाएं खुली रहेंगी।
  • नाइट कफ्यू रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक लागू रहेगा।

चकिया में फेल हो रहा लॉकडाउन

 चकिया शहर में लॉक डाउन पूरी तरह फेल हैं। नतीजतन दिनभर सड़कों पर आमदिनों की तरह लोगों की भीड़ जुटी रह रही है । सुबह से ही शहर के कई कपड़ों की दुकान, जूता चपल की दुकान, ज्वेलरी की दुकान, श्रृंगार की दुकान समेत वैसी सारी दुकानें खुली रही, जिसे लॉक डाउन के दौरान पूरी तरह बंद कर दिया गया हैं। वही किराना, हार्डवेयर समेत वह सारी दुकानें, जिन्हें एक बजे दिन तक खोलने का आदेश है, आज दिनभर खुली रही। कोई भी इसे देखने सुनने वाला नही हैं।

शहर की सड़कों पर बाइक पर दो से तीन लोग बिना मास्क का घूमते दिखे। पैदल हो,साइकिल से हो, बाइक से हो या फिर चार चक्के से, सभी लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाते दिखे। ऐसा नही है कि पुलिस की गाड़ी नही निकलती। दिनभर पुलिस की दो गश्ती गाड़ी सड़कों पर दौड़ते रही, लेकिन लॉक डाउन से किसी को कोई मतलब नही। यहां अघोषित रूप से थाना पुलिस ने लॉक डाउन की छूट दे रखी हैं। शहर की कई दुकानें देर शाम तक तबतक खुली रह रही है, जबतक बाजार में लोग दिखें। जब अनुमंडल मुख्यालय की यह स्थिति है तो ग्रामीण क्षेत्र में लॉक डाउन की क्या स्थिति है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

source: Jagran

चकिया सीओ निकले कोरोना संक्रमित, मचा हड़कंप

चकिया अंचलाधिकारी का बुधवार को पॉजिटिव रिपोर्ट आया हैं। वे बुखार व सर्दी खांसी से पीड़ित होने के बाद अनुमंडलीय अस्पताल में कोविड 19 की एंटीजन किट से जांच कराए थे। इसकी जानकारी अंचलाधिकारी ने दी। पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल में ही आइसोलेट कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार बुधवार को रेफरल अस्पताल में एंटीजन किट से 28 लोगों की जांच की गई, जिसमें अंचलाधिकारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। सीओ का पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों, कर्मचारियों,जनप्रतिनिधियों व आमजनों में हड़कंप मचा हुआ हैं।

स्थानीय विधायक श्यामबाबू यादव भी बाढ़ राहत कार्य को लेकर लगातार उनके संपर्क में रहे हैं। उन्होंने विधायक व बीडीओ अब्दुल कयूम के साथ बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत का वितरण किया है। वितरण से लौटने के बाद उनको पता चला कि रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। सीओ के पॉजिटिव होने की सूचना के बाद स्थानीय विधायक, बीडीओ, सीओ के संपर्क में आए कर्मचारियों व सीओ के परिवार के सदस्यों की जांच कराई जाएगी।

source: Jagran

चकिया में रामनवमी को लेकर कन्या पूजन व जागरण का हुआ आयोजन

स्थानीय रेलवे स्टेशन निकट स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर एवं गणिनाथ गोविंद जी महाराज पूजा समिति के तत्वाधान में कि रामनवमी के अवसर पर मन्दिर परिसर में शनिवार को देर शाम 351 कन्याओं का पूजन कर उन्हें प्रसाद खिलाया गया। इस दौरान चिरैया से आये हनुमान आराधना मण्डल के कलाकारों ने भक्तिमय गीत संगीत प्रस्तुत कर लोगो को भाव विभोर कर दिया। भजन किर्तन के दौरान भगवान शंकर के तांडव नृत्य पर लोगो ने खूब तालियां बजाई।

देर रात तक जागरण का कार्यक्रम चलता रहा। साथ ही पूजा में आये हजारों भक्त महा प्रसाद ग्रहण किया। पूजा को सफल बनाने में मुख्य रूप से मुनटुन प्रसाद गुप्ता , ओम प्रकाश गुप्ता, कविंद्र प्रसाद यादव, नरेश प्रसाद गुप्ता, रामबृक्ष प्रसाद, छोटन श्रीवास्तव,नागेंद्र प्रसाद, हरिशंकर प्रसाद जायसवाल ,श्यामा तोदी, रोहित सिंह, सुधीर मिश्रा, राजेश कुमार ,नरसिंह सिंघानिया, गुरुदेल प्रसाद, विश्वनाथ प्रसाद ,पप्पू गुप्ता,धीरज गुप्ता,रामबाबू प्रसाद,अमित कुमार,सहित अन्य लोग शामिल थे। 

भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ निकाली कलश यात्रा

अनुमंडल क्षेत्र के वृंदावन चौक स्थित हनुमान मंदिर परिसर में हो रहे (दुर्गा पूजा) चैत्र नवरात्र को लेकर शुक्रवार को गाजे-बाजे, हाथी -घोड़ा, रथ के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में 1051 कन्याओं ने भाग लिया। कलश यात्रा पूजा स्थल से शुरू होकर फुलवरिया, माधोपुर गांव का भ्रमण करते हुए बलि बेलवा नहर पहुंची। जहां आचार्य संजय कुमार ओझा के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं ने जलबोझी किया। जल भर कर यात्रा वापस पूजा स्थल पहुंची।
पूजा व जल यात्रा को सफल बनाने में श्रीदुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष अवधेश कुमार साह, सचिव हरेंद्र प्रसाद, कोषाध्यक्ष सुबोध कुमार साह, व्यवस्थापक रामनरेश साह व उजाला कुमार, बृज राज कुमार, हरेन्द्र प्रसाद, हरिकिशोर साह, नवल प्रसाद, रवि कुमार, रंजीत गोस्वामी, शशिकांत पांडेय, भूखल सिंह सहित विधायक सचिंद्र प्रसाद सिंह सहित अन्य शामिल थे।
ज्ञात हो कि पूजा की शुरुआत इस वर्ष से हुई है। मेला में विभिन्न प्रकार के झूला सहित अन्य मनोरंजन के साधन का भी आयोजन किया गया है। 

चकिया में नवरात्र पूजा के दौरान निकाली गई कलश यात्रा में शामिल लोग। 

13 अप्रैल तक आर्म्स जमा करेंगे लाइसेंसधारी लोग

थाना क्षेत्र में कुल 85 शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी हैं। जिसमें शुक्रवार तक 16 अनुज्ञप्तिधारियों ने अपना शस्त्र थाना में जमा करा दिया है।

इस बाबत थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि बचे अनुज्ञप्तिधारी 13 अप्रैल तक शस्त्र जमा कराएं, नहीं तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। 

बखर गांव में अगलगी में चार घर जले

थाना क्षेत्र के कोयला बेलवा पंचायत के बखरी गांव में बीती रात अचानक लगी आग से चार घर जलकर राख हो गया। सूचना पर पहुंचे अग्निशामक दस्ता ने आग पर पूरी तरह से काबू पाया। जिससे आग आगे फैलने से रुक गई। अगलगी में बद्री सहनी के घर में रखा नकद, आभूषण, एक बाइक अन्य वस्तुएं सहित एक बकरी जल कर मर गई। वहीं सत्येंद्र सहनी, बिजली सहनी, जितेंद्र सहनी के घर में रखा नगद, आभूषण, अनाज, फर्निचर, खाने-पीने की वस्तुएं जल कर राख हो गई। अगलगी में लाखों रुपये की संपति जल गई। कल्याणपुर सीओ ने बताया कि आपदा प्रबंधन के मानकों के आलोक मे पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। 

bhaskar.com

केसरिया स्तूप की भव्यता की छांव में चाहिए आवश्यक सुविधाएं

केसरिया का नाम सामने आते ही विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप की तस्वीर जेहन में उभरने लगती है। अगर किसी ने नहीं देखा है तो इस ऐतिहासिक स्मारक को देखने की चाह मजबूत होने लगती है। हालांकि, अब तक इस स्तूप के उत्खनन का काम पूरा नहीं हो सका है। मगर इस दिशा में तेजी से काम हो रहे हैं। भारतीय पुरातत्व संरक्षण (एएसआइ) द्वारा इस स्मारक के उत्खनन एवं संरक्षण का काम किया जा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में यहां देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। स्तूप के दीदार से रोमांचित भी होते हैं। यहां की यादों को सहेजते हुए लौट जाते हैं। मगर इन यादों में कुछ ऐसी बातें भी होती हैं, जिन्हें सुखद नहीं कहा जा सकता। बौद्ध स्तूप को देखने सात समंदर पार से आए इन सैलानियों की बुनियादी जरूरतों के लिए अब तक यहां संरचनाओं को विकसित नहीं किया जा सका है। जो थोड़े बहुत हैं भी वे अभी उपयोग की स्थिति में नहीं हैं। जाहिर है कि इन कटु अनुभवों को भी पर्यटक अपने साथ ले जाते हैं। मोतिहारी से संजय कुमार सिंह की रपट।

आधारभूत संरचनाओं का है अभाव केसरिया बौद्ध स्तूप को देखने आने वाले पर्यटकों के लिए स्तूप के आसपास बुनियादी जरूरतों को लेकर संरचनाएं विकसित नहीं की जा सकीं हैं। हालांकि, इस मामले में कुछ तकनीकी अड़चनें भी हैं। स्तूप के दो सौ मीटर की परिधि में किसी भी तरह का निर्माण कार्य वर्जित है। इस दायरे में केवल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ही कुछ कर सकता है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए शौचालय से लेकर शुद्ध पेयजल तक का अभाव है। आवासन की भी कोई व्यवस्था अब तक आकार नहीं ले सकी है। स्तूप परिसर में एएसआइ द्वारा हाल ही में शौचालय का निर्माण शुरू किया गया है। वहीं, बिहार सरकार द्वारा स्तूप परिसर से बाहर स्टेट हाइवे 74 के किनारे पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया एवं पार्क के निर्माण की पहल की गई है। भवन व चहारदीवारी का काम पूरा हो गया है। मगर सड़क से कैफेटेरिया के बीच अब तक रास्ता नहीं है। परिणाम स्वरूप इस व्यवस्था का भी लाभ पर्यटकों को नहीं मिल रहा है। इससे पहले स्तूप से करीब चार किलोमीटर दूर प्रखंड कार्यालय परिसर में भी पर्यटक भवन का निर्माण कराया गया। मगर उसकी अव्यवहारिक भौगोलिक स्थिति पर्यटकों के लिए हितकर नहीं है। इस भवन का उपयोग सरकारी कामकाज के लिए हो रहा है। वाहन पड़ाव की भी है दरकार स्तूप की भव्यता को देखने यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं। उनके साथ वाहनों का काफिला भी होता है। मगर उन वाहनों के लिए स्तूप के आसपास कोई पड़ाव नहीं है। ऐसी स्थिति में इन वाहनों को सड़क किनारे ही खड़े कर दिए जाते हैं। स्टेट हाइवे की अति व्यस्त सड़क के किनारे खड़े वाहनों से उतरना-चढ़ना काफी जोखिम भरा काम होता है। हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। पर्यटकों की आवाजाही के कारण इस स्थान पर भीड़भाड़ बनी रहती है। पर्यटक सूचना केंद्र का अभाव विश्व प्रसिद्ध इस ऐतिहासिक स्थल पर पर्यटन विभाग की ओर से अब तक कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया गया है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सूचना केंद्र भी स्थापित नहीं किया जा सका है। खासकर विदेशी पर्यटकों को कई तरह की जानकारियों की दरकार होती है। ज्यादातर समूह में ही पर्यटक आते हैं। यहां तक की कई बार बाइक से भी पर्यटकों को आते-जाते देखा गया है। ये यहां आने के बाद आसपास के दर्शनीय स्थलों के बारे में जानना भी चाहते हैं। मगर भाषाई दिक्कत भी सामने होती है। आवासान की नहीं है व्यवस्था वर्ष 1998 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा स्तूप का उत्खनन कार्य प्रारंभ किया गया था। पूर्व में इसे देउर अथवा राजा वेणु के गढ़ के रूप में जाना जाता था। उत्खनन में मिले साक्ष्य के आधार पर इसे बौद्ध स्तूप घोषित किया गया। तब से सैलानियों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया। मगर इतने समय बीत जाने के बाद भी पर्यटकों के लिए आवासन की व्यवस्था नहीं हो सकी। जो हुई उसका उपयोग ही नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पर्यटकों का ठहराव केसरिया में नहीं हो पाता है। कई बार ऐसी स्थिति सामने आई है जब कोई अकेला पर्यटक देर शाम यहां पहुंचा और उसे आवासन की समस्या से जूझना पड़ा है। उन्हें जिला परिषद की जीर्ण शीर्ण विश्राम गृह में रुकना पड़ा। हालांकि, निजी तौर पर अब कुछ विकल्प तैयार हुए हैं। मगर उनकी क्षमता बेहद कम है।

source: jagran.com