कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिह्नित कर सरकारी योजनाओं से जोड़ने की हो पहल
चकिया प्रखंड मुख्यालय स्थित ट्राइसम भवन में शुक्रवार को प्रखंड प्रमुख कुमारी रीना की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी, बाल शोषण पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत और वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति गठन करने पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास निगम व यूनिसेफ के सहयोग से सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान प्रोजेक्ट के प्रखंड समन्वयक कृष्णा कुमार ने कहा कि कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिह्नित कर सरकारी योजनाओं से जोड़ने का संकल्प सभी जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक पदाधिकारियों को लेना होगा। कहा कि बच्चों के संरक्षण में काम करने वाले सभी स्टेकहोल्डर यथा जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता का यह दायित्व है कि बच्चों के प्रति लोगों की सोच व व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए किसी भी भेदभाव के बिना जागरूकता अभियान लगातार चलाएं, जिससे हम बच्चों के अधिकारों व संरक्षण दिलाने में कामयाब हो सकते हैं। बैठक में जनप्रतिनिधियों की ओर से प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी का उचित सहयोग नहीं मिलने की बात सामने आई।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण उनकी बैठक में उपस्थिति नगण्य रही। करीब दो घंटे विलंब से शुरू हुई बैठक में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं बाल श्रम अधिनियम 1986 के बारे में विस्तृत चर्चा की एवं बाल विवाह बाल मजदूरी किस तरह से कम हो इस पर उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की। समाज में हो रही सभी गैर कानूनी शादी को रोकने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सभी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को एक साथ मिलकर कार्य करने को कहा गया। प्रखंड प्रमुख कुमारी रीना ने कहा कि हम सभी जनप्रतिनिधियों को मिलकर वार्ड व पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं से बच्चों को जुड़वाना होगा और उनके संरक्षण की बात करनी होगी। उप प्रमुख अर्पणा देवी ने बाल संरक्षण के मुद्दों पर सक्रिय रूप में काम करने की अपील की। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अनुमेहा ने कहा कि बाल संरक्षण समिति की जो संरचना है प्रखंड स्तर, पंचायत स्तर, वार्ड स्तर पर सशक्त करने की जरूरत है। प्रखंड समन्वयक सुशील कुमार आजाद एवं जितेंद्र कुमार सिंह संयुक्त राष्ट्रसंघ महाअधिवेशन द्वारा पारित बच्चों के 54 अधिकारों के साथ-साथ मुख्य चार अधिकारों पर विस्तृत जानकारी दी। प्रखंड प्रवर्तन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा ने 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होटल ढाबा में कमाने के लिए नहीं भेजने की बात कही। चाइल्डलाइन के प्रतिनिधि नारायण मजूमदार ने बच्चों के संरक्षण की बात बताते हुए परवरिश योजना के बारे में बताया। बैठक में पंचायत समिति बालेश्वर सहनी, नवल किशोर सिंह, बीसी विकास कुमार, अरविन्द कुमार पांडेय, पीएस शंभू कुमार, महिला सुपरवाइजर माधुरी कुमारी, आरसी सुल्ताना, स्वास्थ्य विभाग के राजीव रंजन, आइसीडीएस बीसी रश्मि राज, प्रखंड लिपिक राजकिशोर कुमार, चाइल्ड लाइन से अजय कुमार, विकास मित्र रामकुमार, कविता कुमारी, ध्रुव कुमार बैठा, प्रियंका कुमारी, सरिता कुमारी, मुकेश राम समेत अन्य जनप्रतिनिधि व प्रखंडकर्मी मौजूद थे।