सिसहनी स्थित कछुआ नदी पर पुल बन जाने से मधुबन व चिरैया विधानसभा के लोग सीधे लाभान्वित होंगे। इसके लिए पूर्व मंत्री स्व. सीताराम ¨सह ने भी प्रयास किया, पर पुल का निर्माण संभव नहीं हो सका। सूबे की सरकार ने इसके महत्व को देखते हुए पुल निर्माण की अनुमति दे दी है। अब पुल का निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ होगा। उक्त बातें सहकारिता मंत्री ई. राणा रणधीर ¨सह ने नाबार्ड से बनने जा रही तीन करोड़ की लागत से बनने जा रहे पुल का शिलान्यास करने के बाद कही। उन्होंने सरकार के महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे मे भी विस्तृत रूप से जानकारी दी। कहा कि पुल के निर्माण होने से विकास की रफ्तार तेज होगी। साथ ही शिवहर-सीतामढ़ी से यह क्षेत्र सीधा जुड़ जाएगा। उन्होंने बच्चों को उचित शिक्षा देने की अपील की। सांसद रमा देवी ने कहा कि आज हम सिसहनी के जनता को पुल की मांग को पूरा करते हुए काफी खुश हैं। उन्होंने केंद्र द्धारा आयुष्मान योजना समेत कई योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दी। मौके पर पूर्व मुखिया विजय कुमार ¨सह, अशोक सिह, पूर्व जिप सदस्य मनोज जायसवाल, आकाश गुप्ता, अनिल प्रसाद, हरेंद्र ¨सह,गोपाल प्रसाद, रत्नेश ¨सह, सुरेंद्र प्रसाद, प्रखंड प्रमुख गीता देवी, नागेंद्र ¨सह, सुधाकर ¨सह, सुनील सहनी, संजय कुशवाहा, प्रेमशंकर पासवान, शुभम शमा, मनोज ¨सह, मनीष कुमार, भोला पासवान, रामनरेश प्रसाद मौजूद थे। मुखिया अखिलेश कुमार ने आगंतुकों को पंचायत की तरफ से स्वागत किया। 18 माह में पुल से आवागमन होगया प्रारंभ तीन करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल के निर्माण के लिए 18 माह का वक्त दिया गया है। कहा गया है कि 18 माह के बाद इसपुल से आवागमन प्रारंभ हो जाएगा।
संवेदक सह वैशाली कस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर मनीष कुमार ने दी। बताया कि पुल के निर्माण पर 3.11करोड़ खर्च होंगे। पहुंच पथ की लंबाई 350 मीटर होगी। 45 मीटर की तीन के तीन स्लेब होंगे। पुल के शिलान्यास होने से आम लोगों में खुशी है। बताया गया कि चार दशक से कछुआ नदी पर बने पुल सह स्लुईस गेट ध्वस्त हो गई थी। तब से सिसहनी, अजगरवा, अजगरी, परसौनी, बलुआ, डूमरी सहित दर्जनों गांवों के लोग लगातार ध्वस्त पुल के निर्माण की मांग कर रहे थे।
source: jagran.com