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Tag: Mehsi

मेहसी कटहा में फैला बाढ़ का पानी, पुल के किनारे लोगों ने ली शरण

मेहसी प्रखंड के कटहां पंचायत भी बाढ़ के चपेट में आ गया है। तटवर्ती इलाकों में पानी के फैलाव के बाद दर्जनों परिवारों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है। जिसमे अधिकांश महादलित परिवार के लोग हैं।

जलप्लावित क्षेत्र के लोग पुल पर शरण लिए हुए हैं। इससे पूर्व भीमलपुर, उझिलपुर, हरपुरनाग, कोठिया हरेराम पंचायत के दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित है। अगर स्थानीय स्तर को छोड़ दें तो सरकारी स्तर पर बाढ़ प्रभावितों को कोई राहत अब तक मुहैया नहीं कराई जा सकी है। नदी के जलस्तर में वृद्धि की बात बताई गई है। अगर यही स्थिति रही तो नए क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश करने से इनकार नहीं किया जा सकता। कटहां मुखिया रमाकांत प्रसाद, भीमलपुर मुखिया बबिता देवी, उझीलपुर मुखिया सत्येंद्र सिंह, हरपुरनाग मुखिया दिनेश कुमार ने अंचलाधिकारी रविशंकर से मिलकर उन्हें क्षेत्र की स्थिति से अवगत कराते हुए शीघ्र राहत व चिकित्सकीय सुविधा प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध कराने की मांग की। कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रभावित क्षेत्रों में भूखमरी व महामारी जैसा स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हरपुरनाग मुखिया दिनेश कुमार ने हरपुरनाग पंचायत के दामोदरपुर गाँव मे मोहम्मद इजरायल के घर के निकट बांध में रिसाव होने से बांध पर दलदल जैसी स्थिति उत्पन्न होने के साथ कई जगहों पर दरार पैदा होने से अवगत कराया। वही कटहां मुखिया ने कटहां वार्ड नं 04 में सुगा राय के घर के निकट बांध से पानी ओभर फ्लो होने की संभावना जताया। अंचलाधिकारी रविशंकर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर बनाए हुए है। स्थिति अभी नियंत्रण में व खतरे से बाहर है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक सौ परिवारों को चिन्हित किया गया है। जिनके घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। बांधों का भी उन्होंने खुद निरीक्षण किया है। सूचना तत्काल जिला प्रशासन को दे दी गई है। शीघ्र ही चिन्हित क्षेत्रों में राहत कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

Source: Jagran

रोजगार की संभावनाओं पर लगाया विराम : मेहसी

मेहसी । देश में लीची के सर्वाधिक उत्पादन को ले मेहसी का नाम शीर्ष पर आज भी चमक रहा है। इसे संजोए रखने के लिए काम भी हो रहे हैं। इस पर शोध भी हो रहे हैं। हर बार नए पौधे भी लगते हैं। लीची के साथ शहद उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस दिशा में कृषि विभाग द्वारा उद्यान के माध्यम से किसानों के बीच शहद संग्रह के लिए उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसान इससे जुड़ भी रहे हैं। विभाग मदद के साथ अनुदान भी दे रहा है। वैज्ञानिक प्रशिक्षण दे रहे हैं। पुरुष के साथ-साथ महिला किसानों को भी प्रोत्साहित कर शहद संग्रह को रोजगार से जोड़ने की कवायद तेज हो गई है। हालांकि, मधु प्रशोधन शुरू नहीं हो पाने का दर्द शहद उत्पादन से जुड़े किसानों के चेहरे पर सीधे दिख जा रहे हैं। जो निर्माण के 17 वर्ष बाद भी चालू नहीं हो सका। कई अधिकारी आए और गए, लेकिन किसी ने उस कंपनी को खोजने की जहमत नहीं दिखाई, जिसे चेक के माध्यम से भुगतान किया गया। विधान परिषद में मामला उठा लेकिन, नतीजा ढाक के तीन पात। बीच के समय में एक कंपनी ने मशीन भी लगाए। उम्मीद जगी और करीब दस हजार लोगों को रोजगार से जोड़ने की संभावनाएं प्रबल हो गई। दुर्भाग्य यह कि केंद्र में ताले लटक गए और उम्मीदें पूरी नहीं हुई। मेहसी से शशिभूषण कुमार की रपट। दस हजार लोगों को मिलेगा रोजगार हम खड़े हैं पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र स्थित लीची उत्पादक क्षेत्र लीचीपुरम मेहसी में शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए डेढ़ दशक पूर्व 11.17 लाख की लागत से बने मधु प्रशोधन संयंत्र के पास। तब इसके स्थापना का उद्देश्य शहद उत्पादन को बढ़ावा के साथ-साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना था। यह नगर पंचायत के वार्ड एक से चार के परिक्षेत्र के केंद्र में स्थापित है। आगे बढ़े तो मधु प्रशोधन के बंद पड़े भवन के आसपास शहद के उत्पादन व व्यवसाय से जुड़े आनंदी ठाकुर, योगेंद्र मिश्रा व कपिलदेव शुक्ला मिले। इनके मन में इसके शुरू नहीं होने की कशक समझी जा सकती है। आनंदी ठाकुर कहते हैं इसके निर्माण से यह आस जगी थी कि अब मेहसी देश की पटल पर लीची के साथ शहद के उत्पादन के लिए भी चर्चित होगा। रोजगार बढ़ेंगे। लोगों की माली हालत बदलेगी। साथ ही समाज की सूरत भी..। योगेंद्र मिश्रा कहते हैं इसके निर्माण के समय यह समझा जाता था कि दस हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। लेकिन, होनी को कुछ और मंजूर था। यह भी चर्चा रही कि मशीन की आपूर्ति करने वाली कंपनी का भुगतान का पैसा लेकर चंपत हो गई। बाद में एक मशीन पहुंची जो आज तक चली नहीं। तो जिम्मेदार कौन है..। और क्या कार्रवाई हुई यह आज भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है। कपिलदेव शुक्ला का भी दर्द कुछ इस तरह का ही है। कहते हैं अगर यह शुरू हो गया होता तो आज मेहसी देश के पटल पर अपनी अलग पहचान बनाता। रोजगार की तलाश में युवाओं को भटकने की विवशता नहीं होगी। हरियाणा की कंपनी को मिली थी मशीन लगाने की जिम्मेदारी


इस परियोजना में उपयोग होने वाली मशीनों को उपलब्ध कराने के लिए हरियाणा की एक कंपनी का चयन किया गया। मशीन आने में देरी होने पर जब पड़ताल हुई तो कंपनी ने एक मशीन भेज दी, वह भी खराब। लोगों कि शिकायत पर जब जिला प्रशासन ने कंपनी की खोज शुरू की तो पता चला कि हरियाणा में इस तरह की कोई कंपनी ही नहीं है। इस बीच मशीन लगाने पहुंचे कंपनी का चीफ एक्सक्यूटिव अजय परासर भी बिना मशीन लगाए फरार हो गए। चेक से कंपनी को भुगतान किए जाने के बाद भी इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। संभावानों को भांप जिलाधिकारी ने शुरू की थी पहल मेहसी में मधु प्रशोधन की अपार संभावनाओं को देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक कुमार ने शहद प्लांट लगाने की पहल शुरू की थी। जिलाधिकारी हीरालाल ने पहल को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2003 में मशीन की आपूर्ति के लिए निविदा निकाली। तब जिलाधिकारी एस शिवकुमार के कार्यकाल में हरियाणा की एपीजी इंस्ट्रीज, टिंबर मार्केट सहारनपुर रोड यमुनानगर की संगम इंजीनियरिग व‌र्क्स का चयन मेहसी में प्रोसेसिग प्लांट स्थापित करने के लिए किया गया। कंपनी ने कुछ दिन बाद मशीन गिराया और चालू करने के लिए 10 केवीए के जेनरेटर की बात कही, जिसे लगाया गया, लेकिन कंपनी का एक्सक्यूटिव परासर भुगतान ले बिना मशीन चालू कराए फरार हो चुका था। विधान परिषद में भी गूंजा मामला घोटाला के रूप में इस प्रकरण के सामने आने के बाद विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय ने 01 जून 2004 को विधान परिषद में इस मामले को उठाया। विधान परिषद के सभापति द्वारा भेजे गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को पटना से 122 किलोमीटर मेहसी पहुंचने पर एक वर्ष नौ माह लग गए। 23 मार्च 2006 को इसके मेहसी पहुंचने के साथ प्रशासन में थोड़ी-सी हलचल दिखी। लेकिन, कहावत ढाक के तीन पात वाली साबित हुई। लोग नाउम्मीद हो चुके थे। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। सरकारी बाबू की ठसक देख लोगों ने भी चुप्पी साध ली। स्वयंसेवी संस्था को मिली जिम्मेदारी जांच का मामला शांत होने के बाद जिला प्रशासन ने खादी ग्रामोद्योग के विशेषज्ञों को बुलाकर इस मशीन को प्रारंभ कराने का भी प्रयास किया, लेकिन विशेषज्ञों ने इसे नकारा घोषित कर दिया। बाद में 2008-09 में जिला प्रशासन ने वत्स भारती नामक स्वयंसेवी संस्था को मशीन चलाने की जिम्मेदारी सौंपी। संस्था ने प्रखंड मुख्यालय में स्थापित भवन पर बड़े अक्षरों में अपना नाम तो लिखवा दिया, लेकिन मशीन को चालू करने की दिशा में कोई पहल नहीं हुई। 17 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद भी प्रोसेसिग प्लांट के चालू होने की आशा आज भी शहद उत्पादकों में दिख रही हैं। शहद उत्पादक इस प्रकरण में उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की मांग भी जिलाधिकारी रमण कुमार से की है।

source: jagran.com

मेहसी विधायक ने सड़क का किया शिलान्यास

मेहसी एनएच 28 से मिर्जापुर होते रमपुरवा ढाला तक 1.83 किलोमीटर पक्की सड़क का शिलान्यास बुधवार को स्थानीय विधायक श्यामबाबू प्रसाद यादव ने किया। इस सड़क के निर्माण होने से मिर्जापुर, उझीलपुर, रमपुरवा, इब्राहिमपुर, तेतरिया, मधुवन सहित कई गांवों को लाभ मिल सकेगा। इस अवसर पर विधायक ने बताया कि लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से इस सड़क का निर्माण किया जा रहा है। मेहसी प्रखंड सहित तेतरिया, मधुवन आदि क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा। मौके पर भाजपा नेता अजय कुमार सिंह, मखिया कपिल मुनि सहनी, रामदयाल सहनी, पप्पू सिंह, संतोष सिंह, गोलू खेलानी, ओमप्रकाश यादव, पारस सिंह आदि रहे। 

सड़क का शिलान्यास करते विधायक श्यामबाबू प्रसाद यादव।

source: bhaskar.com

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